Haryana

हरियाणा में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा: सरकारी विभागों में हड़कंप

हरियाणा में भ्रष्टाचार का मामला तूल पकड़ रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में 370 भ्रष्ट पटवारियों और तहसील कार्यालयों में सक्रिय 404 दलालों के नाम सामने आने से सरकारी विभागों में हड़कंप मच गया है। यह मामला न केवल पटवारी कार्यालयों तक सीमित है, बल्कि तहसील कार्यालयों में वकीलों और वसीका नवीसों तक भी पहुंच चुका है।


370 भ्रष्ट पटवारियों और 404 दलालों का भंडाफोड़ 📜

हरियाणा के राजस्व विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने 20 जनवरी को एक पत्र जारी किया था, जिसमें तहसील और पटवारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों का जिक्र किया गया था। पत्र में कहा गया था कि तहसील कार्यालयों में सक्रिय दलाल तहसीलदार और नायब तहसीलदार के नाम पर लोगों से रिश्वत वसूल रहे हैं।

हाइलाइट्स:

  • दलालों द्वारा काम के बदले ₹2000-₹5000 तक की रिश्वत ली जा रही है।
  • कई सरकारी कर्मचारी भी इस दलाली में शामिल हैं।
  • भ्रष्टाचार रोकने के लिए कार्यालयों में कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

कैसे चलता है कमीशन का खेल? 💸

रजिस्ट्रियों और इंतकाल कराने के नाम पर भ्रष्टाचार के इस खेल में तहसील और पटवारी कार्यालयों में कार्यरत दलाल जनता से मोटी रकम वसूलते हैं।

कार्यरिश्वत की राशि (₹)
रजिस्ट्री करवाना₹2000-₹5000 प्रति फाइल
इंतकाल (म्युटेशन) प्रक्रिया₹5000-₹10,000 तक
दस्तावेज़ सत्यापन₹1000-₹3000

तहसील कार्यालयों में सक्रिय दलाल 🕵️‍♂️

मिली जानकारी के अनुसार, जिले की पलवल, होडल, हथीन, और हसनपुर तहसीलों में 17 दलालों की सूची तैयार की गई है। इनमें वकील, वसीका नवीस, और नायब तहसीलदारों के निजी ड्राइवर भी शामिल हैं।


सरकार की सख्ती: निगरानी बढ़ाने के आदेश 🔍

सरकार ने तहसील और पटवारी कार्यालयों में दलालों की गतिविधियों को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं:

  1. सभी कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश।
  2. जिला उपायुक्त को 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश।
  3. दलालों की गतिविधियां रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की योजना।

भ्रष्टाचार के कारण जनता हो रही परेशान 😡

जनता के लिए रजिस्ट्री और इंतकाल जैसे सामान्य कार्य भी मुश्किल हो गए हैं। दलालों द्वारा कागजातों में कमी बताकर जनता से रिश्वत ली जा रही है। यदि रिश्वत देने से मना किया जाए, तो उन्हें बार-बार चक्कर लगवाए जाते हैं।


आगे क्या होगा? 🤔

आने वाले दिनों में और अधिक नाम उजागर होने की संभावना है। इस जांच के दायरे में कई सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी आ सकते हैं।

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